
80C Limit Full? 6 Best Smart Tax Saving Options Other Than 80C Aapke Paise Bachayenge!
Section 80C me invest kar thak gaye? Jaaniye 6 best smart Tax Saving Options Other Than 80C jo aapki tax liability ko kam kar sakte hain. smart tax planning seekhein!
नमस्कार दोस्तों, आपने हज़ारों लोगों को अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग करते देखा है। और एक गलती जो लगभग 90% लोग करते हैं , वह है टैक्स प्लानिंग को सिर्फ सेक्शन 80C तक सीमित रखना। वित्तीय वर्ष के अंत में, लोग ELSS, PPF, और Life Insurance में निवेश करने के लिए भागते हैं, और जैसे ही उनकी ₹1.5 लाख की 80C की लिमिट पूरी होती है, वे मान लेते हैं कि “बस, अब टैक्स नहीं बचा सकते।” तो जानिए Tax Saving Options Other Than 80C क्या है
लेकिन यहीं पर एक स्मार्ट टैक्सपेयर और एक आम टैक्सपेयर में फ़र्क पैदा होता है। स्मार्ट टैक्सपेयर जानता है कि इनकम टैक्स एक्ट एक खज़ाने की तरह है, जिसमें 80C के अलावा भी कई ऐसे दरवाजे हैं जो आपकी टैक्स देनदारी को कानूनी रूप से काफी कम कर सकते हैं। आज, मैं आपको वही 6 गुप्त दरवाजे दिखाने वाला हूँ। चलिए, 80C की दुनिया से बाहर निकलते हैं और कुछ असरदार Tax Saving Options Other Than 80C को गहराई से समझते हैं।
क्यों 80C से आगे देखना ज़रूरी है? – Tax Saving Options Other Than 80C
सेक्शन 80C निस्संदेह सबसे लोकप्रिय टैक्स-बचत का साधन है। लेकिन इस पर पूरी तरह निर्भर रहना आपकी वित्तीय योजना के लिए ठीक नहीं है। जब आपकी आय बढ़ती है, तो ₹1.5 लाख की सीमा बहुत जल्दी भर जाती है। आपके बच्चे की ट्यूशन फीस, होम लोन का प्रिंसिपल और आपका EPF कंट्रीब्यूशन ही अक्सर इस लिमिट को पूरा कर देता है।
ऐसे में, अगर आप proactive होकर अन्य विकल्पों की तलाश नहीं करते हैं, तो आप हर साल हज़ारों रुपये अतिरिक्त टैक्स में गँवा सकते हैं। इसलिए, एक अच्छी वित्तीय योजना के लिए Tax Saving Options Other Than 80C को जानना और इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। यह केवल टैक्स बचाने के बारे में नहीं है, यह आपके पैसे को आपके लिए और बेहतर तरीके से काम पर लगाने के बारे में है।
टैक्स बचाने के 6 स्मार्ट तरीके (80C के अलावा)
यहाँ वो 6 बेहतरीन तरीके दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल करके आप अपनी टैक्स देनदारी को काफी कम कर सकते हैं।
1. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (सेक्शन 80D)
यह मेरे पसंदीदा Tax Saving Options Other Than 80C में से एक है क्योंकि यह आपको दोहरा लाभ देता है – स्वास्थ्य सुरक्षा और टैक्स बचत।
- खुद, जीवनसाथी और बच्चों के लिए: आप अपने, अपने जीवनसाथी और अपने बच्चों के लिए भुगतान किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ₹25,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
- माता-पिता के लिए (वरिष्ठ नागरिक नहीं): अगर आप अपने माता-पिता के लिए प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो आप ₹25,000 की अतिरिक्त कटौती के पात्र हैं।
- वरिष्ठ नागरिक माता-पिता: यदि आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक) हैं, तो यह सीमा बढ़कर ₹50,000 हो जाती है। इस तरह, आप कुल ₹75,000 (₹25,000 खुद के लिए + ₹50,000 माता-पिता के लिए) तक की छूट पा सकते हैं।
CA की सलाह:
- प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप: इस सेक्शन में आप ₹5,000 तक के प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप पर भी छूट ले सकते हैं (यह कुल सीमा के अंदर ही होता है)। इसका मतलब है कि अगर आपका प्रीमियम ₹22,000 है, तो भी आप ₹3,000 का हेल्थ चेकअप कराकर पूरी ₹25,000 की छूट ले सकते हैं।
- नकद भुगतान से बचें: प्रीमियम का भुगतान नकद में न करें (₹5,000 के हेल्थ चेकअप को छोड़कर), वरना आप कटौती का दावा नहीं कर पाएंगे।
2. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश (सेक्शन 80CCD(1B))
अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ अतिरिक्त टैक्स बचाना चाहते हैं, तो NPS आपके लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
- सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख के निवेश के अलावा, NPS के Tier-I अकाउंट में निवेश करने पर आपको सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की अतिरिक्त कटौती मिलती है।
- इसका मतलब है कि आप कुल ₹2 लाख (₹1,50,000 80C + ₹50,000 80CCD(1B)) की टैक्स बचत कर सकते हैं। यह उन कुछ चुनिंदा Tax Saving Options Other Than 80C में से है जो सीधे आपकी बचत को बढ़ाता है।
3. होम लोन का ब्याज (सेक्शन 24(b))
अगर आपने घर खरीदने के लिए होम लोन लिया है, तो आप सिर्फ प्रिंसिपल अमाउंट पर 80C में ही नहीं, बल्कि ब्याज पर भी भारी छूट पा सकते हैं।
- सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी: यदि आप उस घर में खुद रहते हैं, तो आप चुकाए गए ब्याज पर प्रति वर्ष ₹2,00,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
- किराए पर दी गई प्रॉपर्टी: अगर आपने घर किराए पर दिया है, तो आप चुकाए गए पूरे ब्याज की कटौती का दावा कर सकते हैं, इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
CA की सलाह: यह छूट तभी मिलती है जब घर का निर्माण/खरीद उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर पूरा हो जाए जिसमें लोन लिया गया था। यह सबसे महत्वपूर्ण Tax Saving Options Other Than 80C में से एक है।
4. एजुकेशन लोन का ब्याज (सेक्शन 80E)
उच्च शिक्षा आजकल काफी महंगी हो गई है। सरकार शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स छूट देती है।
- आप अपने, अपने जीवनसाथी या अपने बच्चों की भारत या विदेश में उच्च शिक्षा के लिए लिए गए लोन पर चुकाए गए ब्याज की पूरी राशि पर कटौती का दावा कर सकते हैं।
- इस कटौती के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
- यह छूट लोन चुकाना शुरू करने के बाद अधिकतम 8 वर्षों तक मिलती है। यह युवाओं और अभिभावकों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद टैक्स सेविंग विकल्प है, जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
5. दान (Donations) (सेक्शन 80G)
समाज को वापस देना एक नेक काम है और सरकार भी इसे प्रोत्साहित करती है। आप कुछ निर्दिष्ट फंड्स और चैरिटेबल संस्थानों को दिए गए दान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
- 100% कटौती वाले दान: Prime Minister’s National Relief Fund, National Defence Fund, और स्वच्छ भारत कोष जैसे फंड्स में दान की गई पूरी राशि पर छूट मिलती है।
- 50% कटौती वाले दान: Jawaharlal Nehru Memorial Fund, Prime Minister’s Drought Relief Fund जैसे फंड्स में दान की गई राशि के 50% पर छूट मिलती है।
सुनिश्चित करें कि जिस संस्थान को आप दान दे रहे हैं, वह सेक्शन 80G के तहत रजिस्टर्ड हो और दान देने के बाद रसीद ज़रूर लें।
6. बोनस: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का पूरा फायदा उठाएं
यह सीधे तौर पर एक डिडक्शन नहीं, बल्कि आपकी सैलरी का एक हिस्सा है जिस पर आप छूट पा सकते हैं। बहुत से लोग जो किराए के घर में रहते हैं, वे इसका पूरा लाभ नहीं उठाते। HRA छूट की गणना इन तीन में से सबसे कम राशि पर होती है:
- आपको मिला वास्तविक HRA।
- मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) के लिए आपकी बेसिक सैलरी का 50% या गैर-मेट्रो शहरों के लिए 40%।
- आपके द्वारा चुकाया गया वास्तविक किराया – आपकी बेसिक सैलरी का 10%।
यह एक बहुत ही शक्तिशाली टूल है, और आपको इसे सही ढंग से कैलकुलेट करके अपनी टैक्स देनदारी को काफी कम करना चाहिए।
पुरानी बनाम नई टैक्स व्यवस्था (Old vs. New Tax Regime): एक ज़रूरी बात
यह ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है कि ऊपर बताए गए सभी Tax Saving Options Other Than 80C (HRA को छोड़कर) का लाभ आप तभी उठा सकते हैं जब आप पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) को चुनते हैं। नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में टैक्स स्लैब की दरें कम हैं, लेकिन उसमें आपको लगभग 70 तरह की छूट और कटौतियों को छोड़ना पड़ता है, जिसमें 80C, 80D, 80E और होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट भी शामिल है।
FinDecode Old vs New Tax Regime
निष्कर्ष: Tax Saving Options Other Than 80C
अब बनें एक स्मार्ट टैक्सपेयर
सिर्फ सेक्शन 80C पर निर्भर रहकर आप अपनी टैक्स प्लानिंग को सीमित कर रहे हैं। इनकम टैक्स एक्ट आपको कई बेहतरीन Tax Saving Options Other Than 80C प्रदान करता है, जिनका उपयोग करके आप अपनी मेहनत की कमाई का अधिक से अधिक हिस्सा अपने पास रख सकते हैं।
सलाह:– Tax Saving Options Other Than 80C
- योजना जल्दी शुरू करें: टैक्स प्लानिंग वित्तीय वर्ष के अंत का काम नहीं है, यह साल की शुरुआत में ही शुरू हो जानी चाहिए।
- सबूत इकट्ठा करें: सभी निवेशों और खर्चों की रसीदें संभाल कर रखें।
- खुद को शिक्षित करें: आप जितना अधिक जानेंगे, उतनी ही बेहतर योजना बना पाएंगे।
- सलाह लें: यदि आवश्यक हो, तो एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
याद रखें, टैक्स बचाना चोरी नहीं है; यह एक स्मार्ट वित्तीय प्रबंधन का हिस्सा है। सही जानकारी और सही योजना के साथ, आप भी एक स्मार्ट टैक्सपेयर बन सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप इनकम टैक्स इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।